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Showing posts from April, 2020

हिंदी साहित्य में गांधीवादी विचारधारा

दक्षिण अफ्रीका के प्रवासी जीवन में गांधी जी ने देश के सहस्त्रों गरीब, अनपढ़, बेरोजगार मजदूरों को जो गिरमिट (एग्रीमेंट) पर दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे, उन्हें स्वयं के अधिकारों के प्रति जागरूक करने एवम मनुष्य की भांति जीवन-यापन करने योग्य बनाने के लिए, कलम को क्रांति के सशक्त हथियार के रूप में ऊर्जायुक्त किया। प्रवासी जीवन के प्रत्येक क्षण में उन्हें विदेशियों द्वारा अपमान एवम भारतीय होने के कारण तिरस्कृत दृष्टि से देखा गया। उन्हें ट्रेन से भारतीय होने के कारण नीचे फेंक दिया गया। यह घटना सिर्फ गांधी जी के साथ घटित हुई हो ऐसा नही था अपितु उन समस्त नागरिकों ने इन यन्त्रणाओं को भोगा, जो भारतीय थे और गिरमिट पर दक्षिण अफ्रीका गए थे। इन घटनाओं के पश्चात भी गांधी जी ने अपने मार्ग में हिंसा रूपी विध्वंसक अस्त्र को नही आने दिया, उन्होंने अपनी बात को समस्त भारतीयों के सामने रखने के लिए और अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कलम को हथियार बनाया।    एक बार मजिस्ट्रेट ने उन्हें कोर्टरूम में पगड़ी उतारकर प्रवेश करने के लिए कहा तो उनका कथन था-“ मी लॉर्ड यह मेरा फेटा है। हम लोगों के सम्मान का प्रतीक! मेर